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Success Story: फूलों की खेती करके सफलता की ऊंचाइयां छू रही है यह महिला किसान

Success Story: फूलों की खेती कर महिला किसान लाखों रुपए कमा रही हैं। बरखेड़ा बोंदर की रहने वाली श्रीमती लक्ष्मीबाई कुशवाह ने कड़ी मेहनत और आत्मनिर्भरता की एक सशक्त मिसाल कायम की है। जब लक्ष्मीबाई को उद्यानिकी विभाग की “संरक्षित खेती योजना” के बारे में पता चला तो उनकी दिलचस्पी फूलों की खेती में और बढ़ गई। उन्होंने बताया कि उनका परिवार सालों से धान, गेहूं और सोयाबीन की खेती (Soybean cultivation) पुराने तरीके से कर रहा था, लेकिन इसमें उन्हें ज्यादा लागत और कम मुनाफा होता था।

Success story
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स्वतंत्रता के करीब पहुंचने के तरीके

2021-2022 में राष्ट्रीय विकास परियोजना के तहत इस कार्यक्रम का उपयोग करते हुए लक्ष्मीबाई ने 3000 वर्ग फीट क्षेत्र में पहला पॉलीहाउस (Polyhouse) बनवाया। परियोजना की पूरी लागत ₹25.32 लाख थी, जिसमें से ₹12.66 लाख सरकारी अनुदान था। और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को बहुत-बहुत धन्यवाद। उनकी योजनाओं ने हम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ समाज में एक नई पहचान दी है। आज मैं एक किसान, एक उद्यमी और एक सशक्त महिला होने पर गर्व महसूस करती हूँ।

शब्द “संरक्षित खेती योजना”

एक समकालीन कृषि पद्धति (Contemporary Agricultural Practices) को संदर्भित करता है, जिसे कभी-कभी “ग्रीनहाउस खेती” के रूप में संदर्भित किया जाता है। पौधों की खेती ग्रीनहाउस या पॉली हाउस में की जाती है, जो एक विशेष संरचना है जो नियंत्रित वातावरण की कठोर प्राकृतिक परिस्थितियों में फसलों के लिए अधिक उच्च गुणवत्ता वाले सामान का उत्पादन करने में मदद करती है।

कैसे उपयोग करें

किसान निकटतम कृषि कार्यालय या राज्य सरकार के कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर कार्यक्रम का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आवेदन के प्राथमिक सहायक दस्तावेज (Primary supporting documents) भी साथ लाएँ।

  • बैंक पासबुक की प्रति
  • आधार कार्ड
  • मिट्टी और पानी के परीक्षण की रिपोर्ट
  • भूमि स्वामित्व का प्रमाण पत्र

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