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Success Story: इस राजस्थानी किसान ने वीरान और बंजर हो चुकी जमीन को मेहनत की दम पर बना डाला उपजाऊ

Success Story: किसी को भी अपने लक्ष्य को पूर्ण विश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता। राजस्थान के अजमेर जिले के हाथीखेड़ा गांव के निवासी फतेह सिंह रावत ने भी कुछ ऐसा ही कदम उठाया है। उन्होंने माखपुरा के पथरीले इलाके में बादाम की खेती (Cultivation of Almonds) करने में सफलता प्राप्त की है, जिसे पहले खेती के लिए अनुपयुक्त माना जाता था।

Success story
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दो साल पहले, फतेह सिंह रावत ने माखपुरा क्षेत्र के ऊबड़-खाबड़ इलाके में बादाम के पेड़ उगाने का साहसपूर्वक निर्णय लिया, उन्होंने संवाददाताओं को बताया। उस समय कई लोगों ने अपनी आपत्तियां (Objections) व्यक्त कीं। साथ ही, कई लोगों ने पूछा, “क्या आप पागल हैं?” यह इलाका बादाम उगाने के लिए उपयुक्त नहीं है। फिर भी उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा। आज, उसी जमीन पर लगाए गए बादाम के पेड़ लगन और कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप फल देने लगे हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके जीवन में एक नई उम्मीद की शुरुआत है।

ऐसे बनाया लक्ष्य

रावत ने आगे कहा कि अब उन्हें इस उपलब्धि से प्रेरणा मिलती है। अब उनका इरादा इसके विस्तार का व्यवसायीकरण (commercialization)  करने का है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग सीखने के लिए उनसे सलाह लेते हैं। उनका लक्ष्य इस असाधारण प्रयास को आगे बढ़ाना है और यह प्रदर्शित करना है कि किसी भी तरह की ज़मीन पर खेती संभव है, बशर्ते कि व्यक्ति में दृढ़ इच्छाशक्ति हो।

किसानों के लिए नई प्रेरणा

फतेह सिंह रावत का लक्ष्य जिले के किसानों को सामान्य गेहूं और चावल के अलावा नई फसलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि जिस ज़मीन पर वे बादाम उगा रहे हैं, वह पहले उपजाऊ नहीं थी, लेकिन वे कड़ी मेहनत और जैविक तरीकों से इसे खेती योग्य बनाने में सक्षम थे। रावत रासायनिक खादों (Chemical Fertilizers) का उपयोग नहीं करते हैं। उन्हें लगता है कि जैविक खेती पर्यावरण के लिए बेहतर है और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद पैदा करती है। उनका दावा है कि बिना नौकरी वाले युवा इस तकनीक का उपयोग करके काम पा सकते हैं।

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