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Success Story: झारखंड के इस किसान ने यूट्यूब से सीखा और बंजर जमीन पर खेती कर खूब कमाया पैसा

Success Story: समकालीन खेती आज के दौर में पारंपरिक खेती (Traditional Farming) की जगह ले रही है। जिसे किसान काफी मुनाफे वाला मान रहे हैं। पेड़ों की खेती से किसानों को काफी फायदा भी होता है। इसी का नतीजा है कि झारखंड के लातेहार इलाके के अनुपम मिश्रा अब मैंगो मैन के नाम से मशहूर हो गए हैं। 12 एकड़ में उन्होंने 1000 से ज्यादा आम के पेड़ लगाए हैं। किसान अपने इलाके को आम का केंद्र बनाना चाहते हैं, आइए आपको बताते हैं।

Success story
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दरअसल, लातेहार जिले के सदर प्रखंड के पोचरा पंचायत के बारीडीह गांव के रहने वाले अनुपम मिश्रा ने 12 एकड़ बंजर जमीन को विशेष भूमि के रूप में चिन्हित किया है। उन्होंने छह साल पहले 12 एकड़ बंजर जमीन पर बागवानी शुरू की। बागवानी से वे लाखों रुपये कमा रहे हैं, जिससे पूरा परिवार मालामाल हो गया है।

YouTube से किसान को मिला आइडिया

किसान अनुपम मिश्रा के मुताबिक, उन्होंने दस साल पहले जमीन पर दो-चार आम के पौधे लगाए थे। हालांकि आम उगाना उनकी इच्छा थी, लेकिन मवेशियों ने उन पौधों को नुकसान पहुंचाया। फिर YouTube की मदद से उन्होंने छह साल पहले मुख्यमंत्री जन वन योजना का लाभ लेकर आम उगाना शुरू किया। इसके बाद उन्हें दो साल कड़ी मेहनत करनी पड़ी। तीसरे साल एक साथ फल आने शुरू हो गए। वहीं, इस साल 35 क्विंटल फल का उत्पादन हुआ।

40 हजार रुपये के बिक चुके हैं आम

किसान ने बताया कि इस साल अब तक उन्होंने 40 हजार रुपये के आम बेचे हैं। इस समय आम तैयार हो रहे हैं। करीब 35 क्विंटल आम की बिक्री होगी। लातेहार, गढ़वा, पलामू और रांची में उनके आम की काफी मांग है। उन्हें लगता है कि इस जगह को लोकप्रिय बनाने के लिए मैंगो हब नाम का इस्तेमाल करना होगा।

सूखी जमीन पर हजारों रुपये

किसान ने बताया कि छह साल पहले यह खेत पूरी तरह से पेड़-पौधे विहीन था। यहां मक्का और अरहर की फसल (Maize and Pigeon Pea Crop) होती थी, लेकिन इनमें से किसी से भी कोई खास मुनाफा नहीं होता था। बाद में जब उन्होंने बागवानी शुरू की तो स्थानीय लोगों ने उनका मजाक उड़ाया, क्योंकि पेड़ खाली जमीन पर उगते थे, लेकिन अब सभी हैरान हैं। आम के पेड़ अब 25 से ज्यादा किस्म के हैं। इसके अलावा, लकड़ी, अनार, कटहल और नींबू के पेड़ लगाए गए हैं, जिनसे सालाना लाखों रुपये की कमाई होती है। अब घर की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।

किसान ने 25 किस्म के आम किए हैं तैयार

किसान के मुताबिक, उनके बाग में 25 किस्म के आम हैं, जिनमें से कुछ काफी अनोखे हैं। जिनका बाजार मूल्य काफी ऊंचा है। इस आम की किस्म जिसे इतुअर्तु के नाम से जाना जाता है, की कीमत पिछले साल बाजार में 1200 से 1500 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इसके अलावा, उनके बाग में मालदह, गुलाब खास, दुधिया मालदा, ब्लैक करंट, हिम सागर, जर्दालू, दशहरी, मल्लिका, कृष्णभोग, आम्रपाली और फजली केला जैसी किस्में भी हैं।

जिला प्रशासन से मांग

गांव के परिवहन मार्ग (Transport Routes) की खराब गुणवत्ता के कारण अनुपम मिश्रा ने जिला सरकार से मांग की है। अगर जिला सरकार सड़क बनाने और परिवहन सुविधाओं में सुधार करने में सहायता करती है तो निकट भविष्य में बड़े पैमाने पर आम की फसल लेना और उन्हें बाजार तक पहुंचाना आसान हो जाएगा।

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