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Lotus Flower Cultivation: भरतपुर के इस किसान ने कमल की खेती से किया बड़ा कारोबार

Lotus Flower Cultivation: राजस्थान के भरतपुर जिले के बंद बरेठा गांव के किसान थान सिंह अपने दो से ढाई बीघा के तालाब में अब कमल की खेती कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस खेती के लिए उन्होंने करौली जिले (Karauli District) के सागर क्षेत्र से खास बीज मंगवाए। तालाब की पूरी तरह सफाई करने के बाद उन्होंने कमल की खेती शुरू की, जो अब फल-फूल रही है और दूर-दूर तक अपनी खुशबू फैला रही है। इससे अच्छी खासी कमाई भी हो रही है। दिल्ली और जयपुर जैसे बड़े शहरों में उनके कमल की खेती हो रही है।

Lotus flower cultivation
Lotus flower cultivation

अनोखी खेती की शुरुआत

करीब पांच साल पहले थान सिंह ने इस अनोखी खेती की शुरुआत की थी। इसके लिए उन्होंने करौली जिले के सागर क्षेत्र से खास किस्म के कमल के बीज खरीदे थे। खेती शुरू करने से पहले तालाब की अच्छी तरह सफाई की गई और पानी की गुणवत्ता पर खास ध्यान दिया गया। इसके बाद ही बीजों की सही तरीके से बुआई की गई। किसान थान सिंह के मुताबिक कमल की फसल पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके लिए छंटाई, पानी का प्रबंधन और समय-समय पर पौधों की निगरानी की जरूरत होती है। कमल की खेती देखने में सुंदर होने के साथ-साथ सुंदरता और शांति (Beauty and Peace) का प्रतीक भी मानी जाती है।

मांग में कमी के कारण कमाई पर पड़ता है असर

किसान के अनुसार, कमल के फूल की मांग त्यौहारों, धार्मिक आयोजनों और सजावट के लिए बहुत होती है। उनके अनुसार, वे इसकी खेती करते थे और सालाना एक से दो लाख रुपए तक का मुनाफा कमाते थे। उस समय शहरों में इसकी मांग बहुत थी। हालांकि, अब इस फूल की मांग में थोड़ी कमी आई है। हालांकि, आसपास के कस्बों और शहरों (Towns and Cities) में लोग इसे खरीदना पसंद करते हैं। हालांकि, इससे मुनाफे पर कुछ असर पड़ा है। इसके बावजूद, कमल की खेती से अच्छी खासी कमाई हो रही है।

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