Subsidy on Horticultural Crops: किसानों के लिए खुशखबरी! बागवानी फसलों पर सरकार दे रही ₹1.40 लाख प्रति एकड़ तक की सब्सिडी
Subsidy on Horticultural Crops: के लिए कई नई सरकारी योजनाएँ लागू की जा रही हैं। इसके तहत किसानों को नए फल बाग लगाने, सब्जियों की खेती को एकीकृत मॉडल (Integrated Model) के साथ करने, मसालों, फूलों और सुगंधित पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। यह अनुदान सीधे किसानों के बैंक खातों में डीबीटी यानी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की प्रणाली के माध्यम से भेजा जाएगा, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि यह सहायता अधिकतम पाँच एकड़ भूमि तक सीमित रहेगी, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को भी लाभ मिल सके।

विभिन्न फसलों पर वित्तीय सहायता (Financial Assistance on Various Crops)
सरकार ने बागवानी फसलों की विभिन्न श्रेणियों में किसानों को अलग-अलग दरों पर सहायता राशि देने की व्यवस्था की है। यह प्रावधान (Provision) किसानों को उनकी विशिष्ट खेती की जरूरतों के अनुसार सहयोग प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं।
| फसल की श्रेणी (Crop Category) | सहायता/अनुदान प्रति एकड़ (Subsidy per Acre) |
| फलों के नए बाग (New Fruit Orchards) | ₹24,500 से ₹1,40,000 तक |
| सब्जियों की खेती (एकीकृत मॉडल) | ₹15,000 |
| अनुसूचित जाति (SC) वर्ग (विशेष अनुदान) | ₹25,500 तक |
| मसालों की खेती (Spice Cultivation) | ₹15,000 से ₹30,000 तक |
| फूलों की खेती (Flower Cultivation) | ₹8,000 से ₹40,000 तक |
| खुशबूदार पौधों की खेती (Aromatic Plants) | ₹8,000 |
इन सब्सिडी दरों से यह स्पष्ट है कि सरकार उच्च निवेश (High Investment) वाली बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है।
आर्थिक लाभ और ग्रामीण विकास (Economic Benefits and Rural Development)
सरकार को विश्वास है कि इन हितकारी प्रावधानों से किसान अपनी खेती में विविधता (Diversity) लाकर अधिक लाभप्रद उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे। पारंपरिक और कम लाभदायक फसलों के स्थान पर नकदी फसलें जैसे फल, सब्जी या मसाले अपनाने से किसानों की शुद्ध आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त, बागवानी क्षेत्र का विस्तार होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन होगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई मजबूती मिलेगी और पलायन (Migration) जैसी समस्याओं पर अंकुश लगेगा।
आवेदन की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज (Application Procedure and Required Documents)
उद्यान विभाग के प्रवक्ता ने आवेदन करने की सरल प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए वे राज्य के सरकारी पोर्टल जैसे “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” या होर्टनेट पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
आवेदन के समय किसानों को कुछ अनिवार्य दस्तावेज (Mandatory Documents) भी अपलोड करने होंगे, जिनमें उनका परिवार पहचान पत्र (Family ID Card), बैंक खाते का विवरण, व्यक्तिगत और भूमि संबंधी जानकारी और यदि वे आरक्षित वर्ग से हैं तो अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र शामिल हैं। डिजिटल प्रक्रिया से किसानों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
फसल विविधीकरण और पर्यावरण लाभ (Crop Diversification and Environmental Gains)
राज्य सरकार की यह पहल कृषि क्षेत्र में फसल विविधीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का विजन है कि किसान गेहूं और धान जैसी पारंपरिक फसलों से हटकर उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर बढ़ें, जिससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि भूजल की बचत भी होगी, जो राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय लाभ है। इस योजना से राज्य में फलों, सब्जियों और फूलों के कुल उत्पादन में वृद्धि होगी, साथ ही ग्रामीण युवाओं (Rural Youth) को रोजगार (Employment) और उद्यमिता के नए अवसर भी मिलेंगे।

