Seed Spice Scheme: इस योजना के तहत किसानों को मसाला खेती पर मिलेगी सब्सिडी, जानें डिटेल्स
Seed Spice Scheme: किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयास में, बिहार सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। किसान अब नियमित खेती के अलावा मसालों की खेती (Cultivation of Spices) करके भी अच्छी कमाई कर सकेंगे। इसी उद्देश्य से, सरकार ने ‘बीज मसाला योजना’ शुरू की है, जिसके तहत किसानों को अजवाइन, मेथी, सौंफ, धनिया और मंगरैला की खेती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

इस योजना के तहत राज्य के सभी 38 जिलों के किसानों को 20,000 रुपये तक की सब्सिडी (Subsidy) मिलेगी, जो प्रति एकड़ 50,000 रुपये की लागत का 40% है। इस पुरस्कार के लिए दो भुगतान होंगे। किसानों की आय बढ़ाने के अलावा, यह कार्यक्रम उन्हें मसालों की खेती के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिनकी लगातार मांग रहती है।
इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) भूमि वाले किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। किसानों को भूमि स्वामित्व के प्रमाण पत्र, जैसे राजस्व रसीदें, वंशावली या अनुबंध, जमा करने होंगे। अनुबंध के आधार पर, गैर-रैयत किसान भी इस कार्यक्रम का लाभ उठा सकते हैं। इस अनुबंध का आवश्यक प्रारूप वेबसाइट से डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
आवेदन कैसे करें?
किसानों को पहले डीबीटी वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद, ‘बीज मसाला योजना’ (Seed Spice Scheme) के लिए horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन करना होगा। “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर आवेदन स्वीकार किए जाएँगे।
किन बातों का दें ध्यान?
पुरस्कार सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाने के लिए, किसानों को अपने बैंक खाते की जानकारी और डीबीटी पंजीकरण (DBT Registration) सत्यापित करना होगा। किसानों का चयन सामान्य श्रेणी के 78.537% कोटे, अनुसूचित जाति के 20% कोटे और अनुसूचित जनजाति के 1.463% कोटे के अनुसार किया जाएगा। इसके अलावा, प्रत्येक श्रेणी में 30% महिला किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
बीज कहाँ मिल सकते हैं?
बिहार राज्य बीज निगम और पटना स्थित राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास संस्थान (National Horticulture Research and Development Institute) बीज उपलब्ध कराएँगे। किसान को बीज लेते समय एक जियोटैग्ड सेल्फी लेनी होगी, जिसे साइट पर पोस्ट करना होगा और जिसमें आपूर्तिकर्ता और संबंधित अधिकारी शामिल होंगे।
इस योजना की खासियत क्या है?
आम फसलों की तुलना में मसालों की खेती से ज़्यादा मुनाफ़ा होता है। इसके अलावा, फसल जल्दी पक जाती है और पानी की भी कम ज़रूरत होती है। ऐसे में बिहार सरकार (Bihar Government) की यह योजना किसानों के लिए “सोने पर सुहागा” साबित हो सकती है।

