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Bhavantar Scheme: बाज़ार में हलचल! 26 नवंबर से सरकार ने सोयाबीन के दाम को दी मॉडल उड़ान, किसानों की जेब होगी गरम

Bhavantar Scheme: मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को समर्थन देने के उद्देश्य से 2025 में भावांतर योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को अपनी सोयाबीन की फसल का उचित मूल्य मिले और उनकी आमदनी में ठोस बढ़ोतरी हो। सरकार ने भावांतर योजना में पारदर्शिता लाने के लिए 7 नवंबर से ही रोजाना सोयाबीन के मॉडल रेट जारी करना शुरू कर दिया है। इसी प्रक्रिया में 26 नवंबर को जारी 4265 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट उन किसानों के लिए बेहद अहम है जिन्होंने अपनी उपज मंडियों में बेची है। यह मॉडल रेट सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य और वास्तविक बाजार स्थितियों के बीच उचित संतुलन स्थापित करता है। इस पैराग्राफ का SEO keyword है: Price

Bhavantar scheme
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मॉडल रेट कैसे तय होते हैं – किसानों के लिए जरूरी जानकारी

Bhavantar Scheme में जारी होने वाला मॉडल रेट दरअसल बाजार में आने वाली रोज़ाना की कीमतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी मॉडल रेट के आधार पर सरकार उन्हें भावांतर राशि प्रदान करती है। यानी जितना मॉडल रेट कम होगा, उतना भावांतर के रूप में किसानों को ज्यादा पैसा मिलेगा। हर दिन तय किया जाने वाला यह रेट फसल की उपलब्धता, बाजार मांग और मंडियों में होने वाली खरीद पर निर्भर करता है। इस तरह यह योजना किसान की आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार बनती है। इस पैराग्राफ का SEO keyword है: Value


7 नवंबर से 25 नवंबर तक के मॉडल रेट – बदलती फसली स्थिति की झलक

सोयाबीन के मॉडल रेट 7 नवंबर से 25 नवंबर तक लगातार उतार-चढ़ाव में रहे। शुरुआत में 7 नवंबर को 4020 रुपए प्रति क्विंटल का रेट तय किया गया। इसके बाद रोजाना इसमें मामूली वृद्धि होती गई—8 नवंबर को 4033 रुपए, 9 और 10 को 4036 रुपए, 11 को 4056 रुपए, 12 को 4077 रुपए और इसी क्रम में 13 नवंबर को रेट बढ़कर 4130 रुपए तक पहुंच गया। 14 और 15 नवंबर को यह क्रमशः 4184 और 4225 रुपए रहा। 16, 17 और 18 नवंबर को रेट 4234, 4236 और 4255 रुपए तक पहुंचा। 19 से 22 नवंबर के बीच यह 4263 से बढ़कर 4285 रुपए प्रति क्विंटल हुआ। जबकि 23 और 24 नवंबर को 4282 रुपए और 25 नवंबर को 4277 रुपए प्रति क्विंटल जारी किया गया। यह बदलाव बताता है कि बाजार (Market) कितना गतिशील है।


MSP और मॉडल रेट का गणित – किसानों को कितना मिलेगा फायदा?

भावांतर योजना का सबसे बड़ा आधार है केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP। इस वर्ष सोयाबीन का MSP सरकार ने 5328 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। वहीँ 26 नवंबर को जारी किया गया मॉडल रेट 4265 रुपए प्रति क्विंटल रहा। इन दोनों के बीच का अंतर लगभग 1063 रुपए प्रति क्विंटल बनता है, जिसे भावांतर राशि के रूप में किसानों को सीधे बैंक खातों में जमा किया जाएगा। यह राशि किसानों को उत्पादन लागत की भरपाई में काफी मदद (Support) करेगी और उनके आर्थिक मजबूती का आधार बनेगी।


किसानों के लिए योजना क्यों है खास – बढ़ती राहत और भरोसा

भावांतर योजना किसानों को न सिर्फ आर्थिक राहत देती है बल्कि उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव से भी बचाती है। कई बार बाजार की कीमतें MSP से काफी नीचे चली जाती हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। लेकिन भावांतर योजना इस नुकसान की भरपाई करके किसानों को सुरक्षा कवच (Benefit) देती है। इस योजना से किसान बिना किसी डर के मंडी में अपनी उपज बेच सकते हैं, क्योंकि उन्हें यह भरोसा रहता है कि चाहे बाजार में कितना भी उतार-चढ़ाव हो, सरकार उनकी फसल के दाम को संतुलित कर देगी।

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