AGRICULTURE

DSR Technique: कम पानी में धान की पैदावार को बेहतर गति देने के लिए अपनाएं ये असरदार तकनीक

DSR Technique: भारत के कई राज्यों में धरती का जलस्तर लगातार गिर रहा है और देश की बढ़ती आबादी के कारण पानी का उपयोग भी काफी बढ़ गया है। वहीं, भारत सरकार भी गिरते जलस्तर को लेकर चिंतित है और देशभर में जल संरक्षण के कई कार्यक्रम चला रही है। वहीं, हरियाणा में गेहूं और धान की व्यापक पैदावार के लिए बहुत अधिक पानी का उपयोग होता है। ऐसे में सरकार अब किसानों को धान की सीधी बुआई के लिए आधुनिक तकनीक (modern technology) के साथ-साथ ऐसा करने पर 4,500 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि (डीएसआर) भी दे रही है।

Direct sowing of rice
Direct sowing of rice

सीखें डीएसआर तकनीक का इस्तेमाल

हम आपको बताना चाहते हैं कि डीएसआर तकनीक से धान की सीधी बुआई करने से समय और पानी की बचत होती है, वहीं बीज का भी कम उपयोग होता है। कृषि विज्ञान केंद्र तेपला अंबाला में प्रत्येक गांव में किसानों को धान की सीधी बुआई के बारे में शिक्षित कर रहा है। इस बार वैज्ञानिकों ने कृषि विज्ञान केंद्र (Agricultural Science Centre) की सुविधा में विभिन्न प्रकार के धान की फसल लगाई है, जिसमें सीधी बुआई के लिए डीएसआर  को अपनाया गया है।

इस युग में भी प्रचलित है धान की पुरानी पद्धति

कृषि विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. उपासना सिंह ने मीडिया को अधिक जानकारी देते हुए बताया कि अंबाला क्षेत्र में खरीफ की फसलों के लिए गेहूं और धान की भरपूर पैदावार होती है, इसलिए कई किसान पारंपरिक तरीके से धान की खेती करते हैं। हालांकि, इस तरीके से धान की रोपाई करते समय किसानों को पहले तालाब के बीच में रोपाई से पहले उथली खाइयों में धान की पौध तैयार करनी चाहिए। इस तरीके से धान की रोपाई (rice transplantation) करने में किसानों को अधिक श्रम लागत लगती है, साथ ही पानी की भी अधिक खपत होती है।

बेहद लाभकारी है धान की सीधी बुवाई

उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र अब समुदाय में जाकर किसानों को धान की सीधी बुवाई करने में सहायता कर रहा है, क्योंकि अगर किसान ऐसा करते हैं, तो उन्हें कम पानी और श्रम (Less water and labor) से अच्छी उपज मिलेगी। उन्होंने बताया कि हम किसानों से धान की सीधी बुवाई के लिए धान के मौसम के बजाय तकनीक का उपयोग करने के लिए कहते हैं, और अगर उन्हें कोई समस्या आती है, तो वे कृषि विज्ञान केंद्र से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

इस विधि से होता है चमत्कार

उनके अनुसार, कृषि विज्ञान केंद्र ने भी अपने क्षेत्र में आधुनिक तरीके से धान की सीधी रोपाई की है और इस बार इसके वैज्ञानिक कई तरह की मात्रा में चावल का उत्पादन (Rice production) करेंगे। उन्होंने कहा कि अब कई किसानों के लिए सीधी धान की रोपाई बहुत लाभदायक विधि बन गई है और अंबाला क्षेत्र के कई किसानों ने इस विधि का उपयोग करके काफी मात्रा में धान का उत्पादन किया है।

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