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Success Story: जानें कैसे किसान राम सिंह ने लागत को 12.5 गुणा बढ़ाकर खेती में साबित किया अपना दम…

Success Story: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम लोहारिनटोला के एक मेहनती किसान, राम सिंह ने साल 2024-25 में बागवानी के क्षेत्र में एक शानदार मिसाल कायम की है। उनकी यह सफलता राज्य सरकार के उद्यानिकी विभाग द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण पहल, Flower Area Expansion Scheme के कारण संभव हो पाई है। इस योजना के तहत विभाग ने राम सिंह को उनके 0.250 हेक्टेयर खेत में गेंदा (मैरीगोल्ड) फूल की खेती के लिए Hybrid Marigold Seed उपलब्ध कराया। राम सिंह ने विभाग के अधिकारियों से न केवल नर्सरी तैयार करने की विधि सीखी, बल्कि पौधों की रोपाई के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी भी हासिल की, जिसने उन्हें सफलतापूर्वक खेती शुरू करने में मदद की।

Success story
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गेंदा की खेती में तकनीक का समावेश

राम सिंह ने पूरी लगन और वैज्ञानिक तरीके से अपनी Success Story लिख दी, उन्होंने उद्यानिकी विभाग के बताए अनुसार रोपाई की प्रक्रिया को अपनाया, जिससे पौधों को सही पोषण और विकास का मौका मिला। सही Cultivation Techniques को अपनाने के कारण फसल की गुणवत्ता में सुधार हुआ। यह एक महत्वपूर्ण कदम था क्योंकि अच्छी खेती के लिए सिर्फ बीज पर्याप्त नहीं होते, बल्कि सही कृषि पद्धतियों का पालन करना भी अनिवार्य होता है। किसान ने सिंचाई और कीट नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान दिया, जिससे फसल सुरक्षित रही और फूल स्वस्थ पैदा हुए।

अल्पकालिक फसल, बड़ा मुनाफा

किसान राम सिंह की मेहनत और सही तकनीक का परिणाम सिर्फ दो महीने के भीतर ही दिखना शुरू हो गया। गेंदा के फूलों का उत्पादन बहुत जल्द शुरू हो गया और यह सिलसिला अभी भी Continuous Production के तौर पर जारी है। उन्होंने अपने उत्पादित फूलों को स्थानीय बाजारों में ले जाकर खुदरा (रिटेल) बिक्री करना शुरू किया। इस प्रक्रिया में उन्होंने अब तक लगभग 25 हजार रुपए का विक्रय कर लिया है। यह आंकड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि गेंदा की पूरी फसल की तैयारी और रोपाई में राम सिंह का कुल खर्च मात्र 2,000 रुपए आया था।

गेंदा उत्पादन का सरल Profit Analysis

गेंदा की खेती में राम सिंह द्वारा अर्जित किया गया यह मुनाफा एक बेहतरीन Case Study प्रस्तुत करता है। अगर हम इस मुनाफे का एक सरल विश्लेषण करें, तो यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने अपनी शुरुआती लागत (2,000 रुपए) को 12.5 Times Return में बदल दिया है। खेती की दुनिया में इतने कम समय में इतना अधिक मुनाफा कमाना वाकई एक बड़ी उपलब्धि है। राम सिंह के अनुसार, गेंदा फूल की खेती न केवल बहुत लाभदायक है, बल्कि यह एक ऐसी फसल है जो Low Input High Output के सिद्धांत पर पूरी तरह खरी उतरती है। खासकर उन छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह एक आदर्श विकल्प है जो कम संसाधनों के साथ अधिक आय अर्जित करना चाहते हैं।

सरकारी सहयोग और किसान की प्रेरणा

राम सिंह अपनी इस सफलता का श्रेय प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उद्यानिकी विभाग के सभी अधिकारियों को देते हैं। उनका मानना है कि विभागीय सहयोग और Government Support के बिना यह उपलब्धि हासिल करना मुश्किल था। उद्यानिकी विभाग की योजनाओं ने उन्हें सही समय पर सही बीज और आवश्यक तकनीकी ज्ञान प्रदान किया। राम सिंह अब अपने गांव और आसपास के क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए एक Inspirational Figure बन गए हैं। उनकी सफलता की कहानी यह साबित करती है कि अगर किसान नई तकनीकों को अपनाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं, तो पारंपरिक खेती के मुकाबले पुष्प क्षेत्र में भी बंपर मुनाफा कमाया जा सकता है। वह अन्य किसानों को भी गेंदा की खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताकि वे भी Sustainable Income का रास्ता खोज सकें। उनकी यह पहल पूरे क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर को बदलने की क्षमता रखती है।

पुष्प क्षेत्र में अवसरों की खोज

राम सिंह की यह सफलता दर्शाती है कि कृषि विविधीकरण (Agricultural Diversification) कितना आवश्यक है। धान और गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों पर अत्यधिक निर्भरता के बजाय, फूलों की खेती जैसे Commercial Crops को अपनाना किसानों की आय को सुरक्षित और Financial Stability प्रदान कर सकता है। गेंदा फूल की बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है, खासकर त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के दौरान, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलना सुनिश्चित होता है। राम सिंह का यह प्रयोग मध्य प्रदेश के अन्य किसानों को भी Horticulture Sector की ओर आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। उनकी सफलता यह संदेश देती है कि यदि सही Resource Management किया जाए, तो खेती भी एक बहुत ही लाभकारी व्यवसाय बन सकती है।

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