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Success Story: सरकार की मदद से इस शख्स ने खेती के पहले ही सीजन में कमाए 6 लाख रुपये

Success Story: छतरपुर जिले के नौगांव जिले के बुदरख गांव के हरिशंकर चौबे ने बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियां उगाने के लिए ठेकेदार की नौकरी छोड़ने से पहले ऐसा किया। एक सीजन में उन्होंने 34 लाख रुपये की शेडनेट हाउसिंग अवधारणा (Shednet Housing Concept) का लाभ उठाकर लगभग 5 लाख रुपये का मुनाफा कमाया।

Success story
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उद्यानिकी विभाग से संवाद

हरिशंकर चौबे के अनुसार, उन्हें उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग (Department of Horticulture and Food Processing) के माध्यम से किसानों के लिए अटल भूजल संरक्षित खेती शेडनेट होम कार्यक्रम के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने इस योजना के लिए आवेदन पूरा किया। लॉटरी में उनका नाम आने के बाद दो महीने में शेडनेट होम बनकर तैयार हो गया।

योजना की छूट 17 लाख रुपये

हरिशंकर के अनुसार, 34 लाख रुपये की लागत वाले शेडनेट होम का निर्माण छत्तीसगढ़ की एक फर्म किसान एग्रोटेक (Agrotech) ने किया है। इसके अलावा, व्यवसाय ने पांच साल की गारंटी दी है कि अगर कुछ गड़बड़ होती है तो वह पांच साल तक सेवा प्रदान करना जारी रखेगा। हरिशंकर ने इसमें से 17 लाख रुपए का योगदान दिया, जबकि सरकार ने शेष 17 लाख रुपए व्यवसाय में जमा किए।

एक ही सीजन में बंपर मुनाफा

हरिशंकर के अनुसार, उन्होंने चार महीने की अवधि में लागत सहित लगभग 6 लाख रुपए की सब्जियां बेचीं। गर्मी के मौसम में भी अच्छी सब्जियां उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अलावा छतरपुर मंडी, महाराजपुर मंडी, नौगांव मंडी और महोबा मंडी में सब्जियों की डिलीवरी होती है।

खीरा, टमाटर और बैगन लगाया

उन्होंने बताया कि उन्होंने शेड नेट में अंकुर किस्म की देसी खीरा, टमाटर और हरा बैगन उगाया है। उन्होंने प्याज भी लगाया है। अब बाजार में खीरे की अच्छी बिक्री हो रही है। हरिशंकर के अनुसार, शेड नेट लगने से पहले वे इस खेत में अरबी उगाते थे।

शेड नेट होम के फायदे

शेड नेट होम का फायदा यह है कि यह तूफान से प्रभावित नहीं होता और अंदर का तापमान कम रहता है। इसके अतिरिक्त, कीटनाशकों (Pesticides) की भी आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि सब्जियों को कीड़ों या पतंगों से कोई नुकसान नहीं होता।

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