Success Story: जानिए, Mahindra Arjun 605 DI PP के साथ राजस्थान के इस किसान की प्रेरक यात्रा के बारे में…
Success Story: हर उपलब्धि में कठिनाई, आशावाद और इच्छाशक्ति की एक पृष्ठभूमि होती है। एक मामूली जाट परिवार की यह कहानी, जो थोड़े से पैसे से शुरू हुई और एक समृद्ध कृषि कंपनी (Prosperous Agricultural Company) के प्रमुख बन गई, राजस्थान के धैर्य और दृढ़ता का प्रतीक है। इस अविश्वसनीय परिवर्तन की नींव महिंद्रा ट्रैक्टर्स, विशेष रूप से महिंद्रा ARJUN 605 DI PP थी।

शुरुआत: जब दिन में दो बार खाना भी मुश्किल था
परिवार के बेटे को अभी भी रात के खाने के समय की अनिश्चितता याद है। उनके पिता को सामाजिक समारोहों (Social Gatherings) में जाने के लिए दूसरों से कपड़े उधार लेने पड़ते थे। उन्हें हर मोड़ पर कठिनाई का सामना करना पड़ा, फिर भी वे डटे रहे।
एक साहसी महिंद्रा ट्रैक्टर खरीद जिसने उनके भविष्य को बदल दिया
एक साहसी कदम में, उनके पिता ने अपना पहला महिंद्रा ट्रैक्टर (Mahindra Tractors) खरीदा। उनकी माँ और दादी को अपने गहने गिरवी रखने पड़े क्योंकि उनके पास नकदी की कमी थी। परिवार की किस्मत तब बदल गई जब उन्होंने ट्रैक्टर के अलावा एक थ्रेशर खरीदने का फैसला किया। खेती को सरल बनाने के अलावा, ट्रैक्टर ने आय के नए स्रोत खोले।
कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास
उनके पिता को 1992 में हिंदुस्तान जिंक ने काम पर रखा था। उन्होंने अपनी मजदूरी बचाकर दूसरा ट्रैक्टर खरीदा। समय के साथ-साथ उनकी कृषि गतिविधियों के साथ-साथ महिंद्रा ट्रैक्टरों का बेड़ा बढ़ता गया। अब परिवार दूसरे गांवों में लोगों को रोजगार देता है और कई ट्रैक्टरों का मालिक है।
अर्जुन 605 DI PP: व्यवहार में बदलाव की शक्ति
महिंद्रा अर्जुन 605 DI PP ट्रैक्टर के साथ उनकी खेती में क्रांतिकारी बदलाव आया। इसमें है:
- मजबूत 60 HP इंजन
- 1800 किलोग्राम हाइड्रोलिक लिफ्टिंग क्षमता
- 9 HP PTO पावर बड़ी मशीनरी चलाने के लिए आदर्श है।
- mBoost तकनीक अधिक शक्ति प्रदान करने के लिए कम ईंधन का उपयोग करती है।
- 400 घंटे का रखरखाव अंतराल और छह साल की गारंटी
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें आरामदायक बैठने की सुविधा है जो गर्मी से रहित है।
- यह ट्रैक्टर खेती और सामान्य जीवन दोनों में स्थिरता और निर्भरता का प्रतिनिधित्व करता है।
वे अब कई किसानों के लिए प्रेरणा हैं
आजकल यह परिवार न केवल खेती करता है बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए गैस स्टेशन भी चलाता है। बेटा कंपनी चला रहा है जबकि पिता काम करना जारी रखते हैं।
उनका मानना है कि “हमारी सफलता की नींव हमारी कभी हार न मानने वाली भावना, हमारी कड़ी मेहनत और महिंद्रा ट्रैक्टर्स का समर्थन है।”