Foreign Mango Farming: उत्तर प्रदेश के इस किसान ने विदेशी फलों की खेती कर कमाया मोटा मुनाफा, आप भी जानें तरीका
Foreign Mango Farming: दशहरी, चौंसा, फजली और लंगड़ा जैसे किसान जो कभी पारंपरिक आम की खेती करते थे, वे उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कौशांबी जिले के शहजादपुर गांव के हैं। चूंकि इन फलों की खेती से ज्यादा कमाई नहीं होती थी, इसलिए उन्होंने अब विदेशी फलों का बाग लगाया है और दो-तीन साल से विदेशी फल उगा रहे हैं।

आयातित फलों की मांग बढ़ी है। करीब आठ बीघा जमीन पर किसान आम की खेती के साथ-साथ पारंपरिक बागवानी भी कर रहे हैं। तकनीकी बागवानी शुरू करने के बाद से अब तक उन्होंने करीब 100 विदेशी आम के पौधे तैयार किए हैं।
आम्रपाली, हुस्न आरा, मलिका, अरुणिमा, रतौल, जौहरी और केसर कई तरह के पौधे हैं। इससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। विदेशी आम की खेती (Exotic Mango Cultivation) से किसानों को सालाना करीब 5 लाख का मुनाफा होता है। हर साल किसान दोनों तरह की खेती करते हैं।
आम की खेती के 35 साल
किसान बनवारी लाल के मुताबिक, वे पिछले पैंतीस साल से आम की खेती कर रहे हैं। इसके अलावा वे लंगड़ा, चौंसा और दशहरी जैसी पारंपरिक आम की किस्में भी उगा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने हुस्न आरा, आम्रपाली, अरुणिमा, रतौल, जौहरी, केसर और मलिका समेत 60 से 70 विदेशी आम के पौधे तैयार किए हैं।
विभिन्न प्रकार के आम उगाने (Mango Growing) से उनकी आय में कमी आने के बजाय वृद्धि हुई है। चूंकि ये पौधे कम उम्र में ही फल देना शुरू कर देते हैं, इसलिए उन्होंने नई प्रजातियों के लगभग 100 पौधे भी लगाए हैं। इनके फल स्वादिष्ट और काफी लचीले होते हैं। रोपण के केवल दो साल बाद ही ये पेड़ फल देना शुरू कर देते हैं, लेकिन वे बहुत अधिक संख्या में फल देते हैं, जिससे अच्छी कमाई होती है।