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Bee Keeping: मधुमक्खी पालन ने बदल दी इस किसान की किस्मत, सालाना कमाता है लाखों का मुनाफा

Bee Keeping: कठिन परिश्रम ही सब कुछ संभव बनाता है। सच्चे मन से संघर्ष करने वालों को एक दिन सफलता अवश्य मिलती है। यह समस्तीपुर जिले के एक युवा किसान की कहानी है, जिसने न सिर्फ खुद को सफल मधुमक्खी पालक के रूप में स्थापित किया, बल्कि लाखों रुपए कमाने का रास्ता भी साफ किया। पिछले तीन सालों से मधुमक्खी पालन कर रहे समस्तीपुर के संजीत महतो हमारी चर्चा का विषय हैं।

Bee keeping
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मधुमक्खी पालन के शुरुआती दौर में संजीत के सामने कई चुनौतियां थीं। सबसे बड़ी समस्या मधुमक्खियों के डंक की थी, लेकिन उन्होंने इसका समाधान भी खोज लिया और अब वे एक समृद्ध मधुमक्खी पालक के रूप में अच्छी कमाई कर रहे हैं।

मधुमक्खी के डंक से होती थी समस्या

जब संजीत महतो ने पहली बार मधुमक्खी पालन शुरू किया था, तो उन्हें मधुमक्खियों के डंक से काफी परेशानी होती थी, पहले तो उन्हें लगा कि उन्हें यह काम छोड़ देना चाहिए, क्योंकि मधुमक्खियों के डंक से उनके होंठ, हाथ और गाल सूज जाते थे। लेकिन, रोजाना की पीड़ा, झुलसन और आतंक के बावजूद वे इस काम में लगे रहे। लेकिन फिर उन्हें एहसास हुआ कि बिना मेहनत के कुछ भी संभव नहीं है। अब उन्हें मधुमक्खी के डंक (Bee Stings) मारने पर भी दर्द नहीं होता, क्योंकि उनका शरीर धीरे-धीरे इसके अनुकूल हो गया है। अब उन्हें मधुमक्खी पालन में मजा आता है और वे इससे सम्मानजनक जीवनयापन कर रहे हैं। किसान ने बताया कि वे मौसम के हिसाब से कभी-कभी अपने जिले से बाहर दूसरे जिलों और राज्यों में भी जाते रहते हैं।

सालाना 4 लाख तक की कमाई

संजीत महतो के मुताबिक वे 150 से ज्यादा बक्सों में मधुमक्खियां पालते हैं। इससे वे सालाना 3.50 लाख से 4 लाख रुपये तक कमा लेते हैं। उनके मुताबिक मधुमक्खी पालन के लिए ज्यादा जगह या ज्यादा पैसे की जरूरत नहीं होती। धैर्य, विशेषज्ञता (Patience, Expertise) और सही देखभाल से ही इसे पूरा किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शहद बेचने के अलावा वे मोम बेचकर भी अतिरिक्त कमाई करते हैं। आज संजीत जैसे युवा दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं। संजीत जैसे किसान एक ऐसे पेशे में स्वरोजगार के मॉडल बन गए हैं, जहां ज्यादातर लोग नौकरी के पीछे भागते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें अपना काम पसंद है, लेकिन उत्पाद बेचना थोड़ा चुनौतीपूर्ण है।

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