AGRICULTURE

Pigeon Pea Farming: धान की खेती छोड़ शुरू करें इस दलहन फसल की खेती, कुछ ही दिनों में हो जाएंगे पैसों से लबालब

Pigeon Pea Farming: किसानों के लिए मई और जून में अरहर की खेती करना एक आकर्षक प्रयास हो सकता है।भारतीय कृषि में अरहर की खेती दलहनी फसलों की एक खास श्रेणी में आती है। सरकार भी किसानों को दलहनी फसलों की खेती (Cultivation of Pulse Crops) करने के लिए प्रेरित कर रही है, क्योंकि पिछले कुछ समय से खेती का रकबा घट रहा है। ऐसे में अरहर की खेती के लिए यह आदर्श समय है, जिससे किसानों को कम से कम खर्च में अच्छा मुनाफा मिल सकता है।

Pigeon pea farming
Pigeon pea farming

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में नियुक्त कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार, यदि किसान आवश्यक सिंचाई और उपकरण स्थापित कर लें तो वे अरहर की खेती से तीन गुना तक लाभ कमा सकते हैं। अरहर की खेती (Cultivation of Pigeon Pea) के लिए भूमि में जल निकासी की मजबूत व्यवस्था होनी चाहिए। यदि फसल को समय पर पानी मिलता रहे तो पैदावार में वृद्धि होगी।

कब अरहर की बुवाई करनी चाहिए?

मई के अंतिम सप्ताह से अगस्त के प्रथम सप्ताह तक अरहर की खेती सबसे अच्छी होती है। दलहन अनुसंधान केंद्र कानपुर ने कई ऐसी किस्में विकसित की हैं जो किसानों को कम लागत में अधिक लाभ प्रदान करती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि किसान अरहर की खेती करते समय बेहतर बीज किस्मों का उपयोग करें।

कैसे उगाई जाती है अरहर की खेती?

अरहर की खेती के लिए डिस्क हैरो से खेत की अच्छी तरह जुताई करें। इसके बाद रोटावेटर (Rotavators) से खेत की जुताई करें और मिट्टी को नरम करें। खेत तैयार होने के बाद उसमें मेड़ बनाएं और फिर उसमें अरहर के बीज बोएं। एक एकड़ जमीन पर अरहर की खेती के लिए 4 से 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। मेड़ बनाकर अरहर की खेती करने से खेत की जल निकासी बेहतर होगी। अगर बहुत बारिश हुई तो पानी तुरंत खेत से निकल जाएगा। नतीजतन, फसल को कोई नुकसान नहीं होगा।

अरहर की बेहतरीन किस्में

कानपुर स्थित दलहन अनुसंधान केंद्र ने कई उन्नत किस्में विकसित की हैं। 115 से 120 दिन में उपास 120 कटाई के लिए तैयार हो जाएगी। इसके अलावा, दलहन अनुसंधान कानपुर ने अरहर की दो किस्में बहार और अंबर विकसित की हैं, जो 150 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं।

बुवाई से पहले पर्याप्त नमी होना जरूरी

अगर अरहर की फसल (Pigeon Pea Crop) को अच्छी पैदावार देनी है तो सिंचाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सबसे पहले डॉ. एनपी गुप्ता ने कहा कि पूरे बुआई सीजन में खेत की नमी पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। पर्याप्त नमी होने से बीज तेजी से अंकुरित होंगे और मजबूत पौधों से मजबूत पौधे तैयार होंगे। इससे उच्च गुणवत्ता वाली पैदावार होगी।

Related Articles

Back to top button