Paddy Farming Tips: धान की रोपाई से पहले खेत में डालें ये हरी खाद, मिट्टी हो जाएगी खुशहाल
Paddy Farming Tips: अप्रैल और मई में रबी की फसल कटने के बाद किसानों के खेत खाली रह जाते हैं।कृषि विभाग के अनुसार इस खाली समय का उपयोग हरी खाद (Green Manure) बनाने में किया जा सकता है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ेगी और अगली फसल की लागत कम आएगी। हरी खाद लगाकर किसान मिट्टी में कार्बनिक कार्बन की मात्रा बढ़ा सकते हैं। साथ ही इससे उत्पादकता बढ़ेगी और धान की फसल की लागत कम होगी।

जिला कृषि अधिकारी डॉ. विकास किशोर ने किसानों को रबी की फसल कटने के बाद जमीन खाली न करने की चेतावनी दी है। ढैंचा को अब हरी खाद के रूप में लगाया जा सकता है। साथ ही कृषि विभाग की ओर से ढैंचा के बीज पर सब्सिडी दी जाती है। रबी की फसल (Rabi Crop) कटने के बाद खेतों की गहरी जुताई करने से मिट्टी ऊपर उठ जाती है और ऊपरी सतह नीचे हो जाती है। इससे धूप मिट्टी में छिपे कीटों को मार देती है और मिट्टी में हवा का संचार बढ़ जाता है। इसके बाद खेत तैयार कर ढैंचा की रोपाई करें। करीब 45 दिन में यह फसल हरी खाद के लिए तैयार हो जाएगी। इसके बाद इसे खेत में मिला दें और पानी डालें।
हरी खाद के फायदे
मिट्टी में मौजूद ऑर्गेनिक कार्बन (Organic Carbon) की मात्रा जो अब कम हो रही है, उसे हरी खाद से बढ़ाया जाता है। साथ ही, यह मिट्टी के पीएच को स्थिर रखता है, जिससे क्षेत्र शुष्क नहीं होता। मिट्टी रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधी हो जाती है और अगली फसल के लिए उर्वरक की लागत कम हो जाती है।
बीज कैसे प्राप्त करें?
डॉ. विकास किशोर के अनुसार, कृषि विभाग किसानों को ढैंचा की खेती के लिए कम कीमत पर बीज उपलब्ध कराता है। किसानों को अपने नजदीकी सरकारी कृषि बीज भंडार (Government Agricultural Seed Store) से बीज खरीदने से पहले पंजीकरण कराना होगा।