Lemon Cultivation: नींबू के पेड़ों को खतरनाक कीटों से बचाने के लिए करें ये तगड़ा काम
Lemon Cultivation: सौराष्ट्र के कई किसानों के लिए नींबू उगाना अब आय का एक विश्वसनीय स्रोत बन गया है।नींबू की बिक्री पिछले कुछ समय से अच्छी चल रही है और इसके परिणामस्वरूप, किसानों की अपनी फसल उगाने में रुचि काफी बढ़ गई है। इस बीच, नींबू के बागों में साइला या स्कैब रोग (Psylla or Scab Disease) नामक एक नई समस्या ने खलल डाला है।

फसल पर साइला रोग का नकारात्मक प्रभाव
नींबू के पेड़ों पर एक प्रकार का कीट साइला (Insect Psylla) होता है। इस महामारी के कारण पत्तियां मुरझा जाती हैं, शाखाएं सूख जाती हैं और फल भी प्रभावित होते हैं। यदि रोग के प्रभाव को समय रहते नहीं रोका गया तो पूरे बाग को नुकसान हो सकता है और किसान की मेहनत बेकार हो सकती है।
उपचार का प्रारंभिक चरण सफाई और छंटाई
कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों के अनुसार, नींबू के पेड़ों की सूखी और रोगग्रस्त (Dry and Diseased) शाखाओं को समय-समय पर काटना आवश्यक है। ऐसा करने से बीमारी को फैलने से पहले ही रोका जा सकता है और पेड़ का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है। बाग की नियमित सफाई और निरीक्षण भी महत्वपूर्ण है।
सबसे पहले रोकथाम के लिए प्राकृतिक उपचारों का करें उपयोग
यदि रोग का प्रभाव पहले ही शुरू हो चुका है तो घरेलू और सस्ते उपचार भी काफी मददगार हो सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नीम और नैफ्था के पत्तों से 10% अर्क (1 किलोग्राम) या कुचले हुए नीम के बीजों से 5% अर्क (500 ग्राम) का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, नीम से बने जैविक कीटनाशकों (Biological Pesticides) का उपयोग भी सफल होता है। उदाहरण के लिए, बीमारी को शुरू में 0.15% EC (40 मिली) या नीम के 1% EC (30 मिली) को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करके नियंत्रित किया जा सकता है।
प्राकृतिक उपचार
वैज्ञानिकों ने कीटनाशकों के इस्तेमाल की सलाह दी है, अगर बीमारी फैल गई है और प्राकृतिक उपचार इसे रोकने में विफल हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, इमिडाक्लोप्रिड 17 SL (5 मिली) या थियामेथोक्सम 25 WG (6 ग्राम) को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने पर कीट तुरंत प्रभावित होता है।
आपातकालीन परिस्थितियों में पेशेवरों की लें सहायता
जैसे ही बीमारी असहनीय हो जाए और फसल में गंभीर लक्षण दिखने लगें, किसानों को निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए। वहां से प्राप्त मार्गदर्शन और दवाओं से बीमारी का तुरंत प्रबंधन किया जा सकता है।
सबसे अच्छा बचाव रोकथाम
कृषि विज्ञान केंद्र का दावा है कि अगर किसान समय-समय पर अपने नींबू के बाग का निरीक्षण करें, किसी भी शाखा को काटें और उचित कीटनाशकों (Pesticides) का उपयोग करें तो साइला रोग से बचा जा सकता है। इसके अलावा, नीम आधारित प्राकृतिक दवाएँ सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल हैं।