Soil Preparation: खेती में उत्पादन बढ़ाने के लिए मानसून से पहले करें यह तगड़ा काम
Soil Preparation: कृषि विभाग ने उत्तर प्रदेश के किसानों को मानसून से पहले खेतों की जुताई करने के बारे में नई सलाह जारी की है। एजेंसी के अनुसार, गर्मियों में जुताई करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ कृषि उत्पादन में भी काफी वृद्धि होती है। कृषि वैज्ञानिकों (Agricultural Scientists) और विशेषज्ञों के अनुसार, यदि किसान इस तकनीक का तुरंत उपयोग करें तो खरीफ की फसल में बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।

गर्मियों में जुताई क्यों आवश्यक है?
मई और जून में, जब गर्मी अपने चरम पर होती है और खेतों में नमी कम होती है, तो गर्मियों में जुताई की जाती है। स्वस्थ, मुलायम मिट्टी बनाने के लिए खेत की ऊपरी कठोर परत को अब तोड़ देना चाहिए। कृषि विभाग के अनुसार, अब जुताई करने से मिट्टी की जल धारण करने की क्षमता में सुधार होता है, जो अगली खरीफ फसलों जैसे चावल, मक्का, बाजरा, अरहर (Rice, Maize, Millet, Pigeon Pea) आदि के लिए फायदेमंद है।
गर्मियों में जुताई के महत्वपूर्ण लाभ
- मिट्टी की गुणवत्ता में वृद्धि: खेत की कठोर परत को तोड़ने से जड़ें और फैलती हैं और मिट्टी में ऑक्सीजन का संचार (Oxygen Circulation) बेहतर होता है। इससे पौधों की वृद्धि में मदद मिलती है।
- पानी की बचत: यह प्रक्रिया मिट्टी को पानी को बनाए रखने में अधिक सक्षम बनाती है, जिससे फसल की नमी लंबे समय तक स्थिर रहती है।
- खरपतवार नियंत्रण: खरपतवार और कृषि अपशिष्टों को मिट्टी में दबा देने और जुताई के दौरान सड़ने देने से खेत की उर्वरता बढ़ जाती है।
- कीटों और बीमारियों पर नियंत्रण: गर्मियों में गहरी जुताई करने से मिट्टी में छिपे दीमक, सफेद ग्रब, कटवर्म बीटल और अन्य कीटों के अंडे, लार्वा और प्यूपा नष्ट हो जाते हैं।
- उर्वरक की आवश्यकता में कमी: जैसे-जैसे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ती है, वैसे-वैसे कम रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता होती है, जिससे प्राकृतिक उर्वरता बनी रहती है।
पारंपरिक खेती के तरीकों को फिर से शुरू करने का समय
कृषि विभाग द्वारा किसानों को समकालीन तकनीकों को पारंपरिक खेती (Traditional Farming) के तरीकों के साथ मिलाने की सलाह दी जा रही है। फसल चक्र, मिश्रित फसल और पंक्ति बुवाई जैसी तकनीकें खेत की पैदावार बढ़ाने में बहुत सफल हैं। इसके अतिरिक्त, इससे पर्यावरण में प्रदूषक भी कम हो सकते हैं।
खरीफ की फसल की तैयारी के लिए लाभदायक
खरीफ की फसल बोने से पहले ग्रीष्मकालीन जुताई से न केवल मिट्टी तैयार होती है, बल्कि जमीन भी स्वस्थ और संतुलित (Healthy and Balanced) बनती है। इससे बीज का अंकुरण बढ़ता है और पौधों को आवश्यक पोषण मिलता है। इसका महत्व और भी बढ़ जाता है, खासकर धान जैसी फसलों के लिए।
कम लागत में उत्पादन में वृद्धि
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रीष्मकालीन जुताई (Summer Tillage) एक ऐसी रणनीति है, जिसका उपयोग किसान कम लागत में अपने उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने और बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में केवल समय पर भूमि की पूरी तरह से जुताई की आवश्यकता होती है, इसके लिए किसी अतिरिक्त संसाधन की आवश्यकता नहीं होती।
किसानों के लिए विभाग की सिफारिशें
- खेतों की अच्छी तरह से जुताई करनी चाहिए (8-10 इंच तक)।
- जुताई के बाद खेत को कुछ देर के लिए खुला छोड़ देना चाहिए, ताकि सूरज की गर्मी से सभी खतरनाक सूक्ष्मजीव नष्ट हो सकें।
- जैविक खाद बनाने के लिए कृषि अवशेषों को मिलाकर खेत में छोड़ दें।
- खरीफ की फसल की तैयारी के लिए मिट्टी का मूल्यांकन करवाएं और सही बीज चुनें।