Paddy Farming: धान की रोपाई से पहले करें ये उपाय, कीटों का होगा खात्मा
Paddy Farming: इन दिनों किसान गेहूं की कटाई के बाद धान की तैयारी में व्यस्त हैं। बारिश शुरू होते ही धान की रोपाई शुरू हो जाएगी, जबकि कुछ किसान मई या जून में सीधे धान की रोपाई भी कर देते हैं। धान की फसल को दीमक और अन्य जड़ खाने वाले कीटों से बचाने के लिए रोपाई से पहले मिट्टी को उपचारित करना जरूरी है। किसान मिट्टी को उपचारित करके पैसे बचा सकते हैं, क्योंकि अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो कीट उनकी फसलों को नुकसान पहुंचाएंगे। इससे बचने के लिए किसानों को महंगी रासायनिक खाद (Chemical Fertilizers) का इस्तेमाल करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा ने किसानों को स्पष्ट और संक्षिप्त निर्देश दिए। उनके अनुसार, संस्थान द्वारा बनाए गए एक अनोखे जैविक उत्पाद (Organic Products) का उपयोग करके किसान अपनी फसलों को इन कीटों से बचा सकते हैं। धान के खेतों में सिंचाई जरूरी है, जिससे मिट्टी के कीट अधिक सक्रिय हो जाते हैं और पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए धान की रोपाई शुरू करने से पहले मिट्टी को उपचारित करना जरूरी है।
जैविक उत्पाद का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?
प्रति हेक्टेयर 5 किलो बैसिलस बेसियाना और मेटारिज़ियम एनिसोप्लिया (Bacillus Bassiana and Metarhizium Anisopliae) को सड़ी हुई गाय के गोबर में मिलाकर खेत की आखिरी जुताई के समय खेत में डालें, इससे खेत में मौजूद कीटों से बचाव होता है। जुताई के बाद खेत को समतल करें, फिर उसमें पानी डालें और धान की रोपाई करें। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान में इस जैविक उत्पाद की एक किलोग्राम कीमत करीब 168 रुपये है। अपनी धान की फसल को सुरक्षित रखने के लिए किसान इसे सीधे संस्थान से खरीद सकते हैं।