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Rajasthan Agriculture Scheme: पाइपलाइन सिंचाई के लिए सरकार किसानों को दे रही है 60 फीसदी सब्सिडी, जानें कैसे करें आवेदन…

Rajasthan Agriculture Scheme: राजस्थान के किसानों के लिए खुशखबरी है।सरकार अब कृषि क्षेत्रों में पाइपलाइन सिंचाई प्रणाली लगाने के लिए वित्तीय सहायता (Financial Aid) दे रही है। पाइपलाइन सिंचाई के माध्यम से पानी की बचत 20% से 25% तक होती है। इससे कम पानी का उपयोग करके अधिक क्षेत्र की सिंचाई करना संभव हो जाता है। इससे किसानों को आर्थिक लाभ होता है। कृषि विभाग ड्रिप सिंचाई प्रणाली के अलावा पाइपलाइन सिंचाई के लिए भी सब्सिडी देता है।

Rajasthan agriculture scheme
Rajasthan agriculture scheme

आवेदन ऑनलाइन स्वीकार किए जा रहे हैं और अंतिम तिथि 30 सितंबर तय की गई है। कृषि विशेषज्ञ सोना राम के अनुसार, सरकार पानी बचाने और सिंचाई के लिए उपलब्ध पानी का प्रभावी उपयोग करने के प्रयास में सब्सिडी (Subsidy) प्रदान करती है, जिससे बड़े क्षेत्र की सिंचाई हो सके।

पाइपलाइन सब्सिडी पाने के लिए आवश्यक योग्यताएं

कृषि विशेषज्ञ सोना राम के अनुसार, राज्य और राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाओं (National Agricultural Development Schemes) के तहत किसानों को सिंचाई पाइपलाइनों के लिए सब्सिडी मिलती है। किसान के पास खेती योग्य भूमि के साथ-साथ खेत के तालाब, ट्यूबवेल और कुएँ जैसे सिंचाई उपकरण होने चाहिए। भले ही सिंचाई के सामान्य तरीके हों, फिर भी सभी किसान आवेदन कर सकते हैं। ऐसे खेत जो दूसरे खेतों से पानी लेते हैं और जिनके पास सिंचाई की आपूर्ति नहीं है, वे भी आवेदन करने के पात्र हैं। इसके अलावा, किसान को पाइप के ब्रांड और उत्पादन की तारीख के बारे में पता होना चाहिए। प्रशासनिक मंजूरी मिलने के बाद, 60 दिनों के भीतर पाइपलाइन स्थापित की जानी चाहिए।

इस तरह दिखनी चाहिए पाइप

कृषि विशेषज्ञ सोना राम के अनुसार एचडीपीई पाइपलाइन के लिए आईएस कोड 4984/17425:2020 होना चाहिए। पीवीसी पाइपलाइन के लिए आईएस कोड 2.5 किग्रा/90 मिमी या इससे अधिक तथा 4984/4 किग्रा 63 मिमी या इससे अधिक होना चाहिए। आईएस कोड-16190:2014 के अनुसार एचडीपीई लैमिनेटेड फ्लैट ट्यूब पाइप (HDPE Laminated Flat Tube Pipe) कम से कम 63 मिमी तथा 200 मिमी लंबाई का होना चाहिए। 63 मिमी या इससे अधिक लंबाई वाले ही अनुदान के पात्र होंगे।

ये अभिलेख होंगे जरूरी

इस योजना के तहत किसान की जमाबंदी, नक्शा निशान, सिंचाई प्रमाण पत्र, जनाधार कार्ड तथा आधार कार्ड (Janadhaar Card and Aadhar Card) की नवीनतम प्रतियां, जो मोबाइल नंबर से जुड़ी होनी चाहिए, आवश्यक हैं। हालांकि, यदि यह लघु या सीमांत है, तो पाइपलाइन कोटेशन तथा लघु सीमांत प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस योजना के तहत सभी प्रकार के किसानों को 50% अनुदान (15000 रुपए) मिलेगा। छोटे या सीमांत किसानों को 60 प्रतिशत या अधिकतम 18,000 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाती है।

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